प्रेसमैन टाइम्स

एम०वी०वी०एन०एल एक बड़े गबन को मैनेज करने में जुटा

 एम०वी०वी०एन०एल एक बड़े गबन को मैनेज करने में जुटा 


लगातार औचक निरीक्षण कर अपने ही विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को चौकानें वाले मंत्री ए०के० शर्मा (ऊर्जा मंत्री) का विभाग एक बार फिर से सुर्खियां बटोर रहा है।। इस बार मामला औचक निरीक्षण का नहीं बल्कि एक बड़े गबन का है, जिसे लगातार अधिकारी बड़े स्तर पर मैनेज करने में जुटे हैं।। 

बताते चलें यह मामला दो अलग-अलग स्थानों पर  33/11 के० बी० के कार्य के टेंडर पर एम०डी० द्वारा किए गए अनुमोदन से अधिक रकम निकालकर एम०वी०वी०एन०एल० को चूना लगाने के संबंध में है । 


मामला कहां का है ?

यह गबन दो अलग-अलग स्थानों पर हुआ।।

i)  सी०आर०पी०एफ०  कैंप, त्रिशुम्डी, अमेठी में 33/11 के०बी० का कार्य होने के लिए एमडी द्वारा ₹49.93 लाख का वित्तीय अनुमोदन हुआ था जिसमें अधिकारियों की मिली भगत से फर्जी बिल लगाकर बिना एम०डी० के अनुमोदन के ₹ 54.82 लाख रुपए फर्जी तरीके से निकलवा लिए गए ।। 


ii)   रामनगर,  अंबेडकर नगर में भी अमेठी के गबन में सम्मिलित अधिकारियों ने दोबारा गबन किया।।

यहां एम०डी० द्वारा 33/11 के०बी० के कार्य होने में लगभग ₹8.13 लाख का वित्तीय अनुमोदन होता है जिसमें अमेठी की ही तरह बिना एम०डी० के अनुमोदन के ₹9.66 लाख रुपए निकलवा लिए गए ।।


 मामले में कौन-कौन संलिप्त हैं?


 सूत्रों की माने तो उक्त मामले में अधीक्षण अभियंता (जानपद)  अरुण कुमार को मोटी रकम देकर बिना अनुमोदन,  फर्जी बिल लगाकर,  अधिशासी अभियंता इसरार अहमद द्वारा ठेकेदार को पूरा भुगतान करा दिया गया । इस मामले में कैसियर रामदत्त त्रिपाठी की भी भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है ।। 


  सूत्रों द्वारा मिले दस्तावेजों की  बात करें तो अधिशासी अभियंता राजेश त्रिपाठी और जूनियर इंजीनियर अमित मिश्रा का नाम भी उक्त प्रकरण में सामने आ रहा है।। फिलहाल सभी इस पूरे प्रकरण को मैनेज करने में जुटे हैं।। 


अब तक क्या-क्या हुआ?


प्रकरण सामने आते ही एम०वी०वी०एन०एल० के एम०डी० से मिलने के कई अथक प्रयास किए गए लेकिन सभी विफल रहे हालांकि डी०टी० महोदय से उक्त प्रकरण में मुलाकात हुई लेकिन वे इस पूरे प्रकरण में कुछ भी कह पाने में असमर्थ हैं।।फिलहाल मामले में जांच  चल रही है और संबंधित अधिकारी मामले को मैनेज करने में जुटे हैं।।

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